गोवा:, 16 अक्तूबर :भाषा: भारत और ब्रिक्स के अन्य देशों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए पांच देशों के इस शक्तिशाली समूह ने आज सभी देशों से कहा कि वे अपने जमीन से ‘‘आतंकवादी कृत्यों’’ को रोकंे। ब्रिक्स ने साथ ही इस आतंकवाद की बुराई से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए भारत समर्थित वैश्विक संधि का संयुक्त राष्ट्र से जल्द अनुमोदन का आह्वान किया।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले ब्रिक्स के वाषिर्क सम्मेलन में मंजूर घोषणापत्र में सभी देशों का आह्वान किया गया है कि वे आतंकवाद, हिंसक अतिवाद, कट्टरपंथ, भर्ती, विदेशी एवं अन्य आतंकवादियों की गतिविधियों और आतंकवाद के वित्तपोषण के स्रोतों को बाधित करने में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनायें।
समूह ने सभी देशों से कहा कि वे साथ मिलकर काम करें जिससे कि ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते’ :सीसीआईटी: का अनुमोदन संयुक्त राष्ट्र में बिना किसी और देरी के हो सके।
सम्मेलन के अंत में जारी गोवा घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम भारत सहित कुछ ब्रिक्स देशों के खिलाफ हाल में हुए कई आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। हम आतंकवाद की उसके सभी स्वरूपों के साथ कड़ी निंदा करते हैं और इस बात पर जोर देते हैं चाहे जो भी हो किसी भी आतंकवादी कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। चाहे यह किसी विचारधारा, धार्मिक, राजनीतिक, नस्ली, जातीय या किसी भी कारण पर आधारित क्यों न हो।’’ इसमें कहा गया, ‘‘हम इससे सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत होना चाहिए जिसमें द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंच दोनों ही स्तर शामिल हैं।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले ब्रिक्स के वाषिर्क सम्मेलन में मंजूर घोषणापत्र में सभी देशों का आह्वान किया गया है कि वे आतंकवाद, हिंसक अतिवाद, कट्टरपंथ, भर्ती, विदेशी एवं अन्य आतंकवादियों की गतिविधियों और आतंकवाद के वित्तपोषण के स्रोतों को बाधित करने में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनायें।
समूह ने सभी देशों से कहा कि वे साथ मिलकर काम करें जिससे कि ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते’ :सीसीआईटी: का अनुमोदन संयुक्त राष्ट्र में बिना किसी और देरी के हो सके।
सम्मेलन के अंत में जारी गोवा घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम भारत सहित कुछ ब्रिक्स देशों के खिलाफ हाल में हुए कई आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। हम आतंकवाद की उसके सभी स्वरूपों के साथ कड़ी निंदा करते हैं और इस बात पर जोर देते हैं चाहे जो भी हो किसी भी आतंकवादी कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। चाहे यह किसी विचारधारा, धार्मिक, राजनीतिक, नस्ली, जातीय या किसी भी कारण पर आधारित क्यों न हो।’’ इसमें कहा गया, ‘‘हम इससे सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत होना चाहिए जिसमें द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंच दोनों ही स्तर शामिल हैं।
No comments:
Post a Comment