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डार्क मैटर पर अनुसंधान के लिए भारत बना रहा भूमिगत प्रयोगशाला

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नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष शेखर बसु ने कहा है कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की भूमिका को प्राथिमकता दी है। इसके साथ ही उन्होंने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की हाल की उपलब्धियों का ब्योरा देते कहा कि देश डार्क मैटर पर अनुसंधान के लिए अपनी एक यूरेनियम खदान में छोटी भूमिगत प्रयोगशाला स्थापित कर रहा है।

परमाणु ऊर्जा विभाग के जनसंपर्क प्रमुख रविशंकर ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि बसु ने यह बात कल विएना में 18 से 22 सितंबर तक चल रहे आईएईए के 61वें आम सम्मेलन में अपने बयान में कही।

विज्ञप्ति के अनुसार बसु ने परमाणु सुरक्षा मानकों में आईएईए की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि कहा कि भारत ने परमाणु ऊर्जा और परमाणु अनुप्रयोग दोनों क्षेत्रों में इसके शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आईएईए की भूमिका को हमेशा प्राथमिकता दी है।

बसु ने परमाणु क्षेत्र में देश की हाल की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि भारत विज्ञान के अग्रणी मोर्चे पर डार्क मैटर पर अनुसंधान के लिए अपनी यूरेनियम खदानों में से एक में छोटी भूमिगत प्रयोगशाला स्थापित कर रहा है जो सभी पीढ़ियों के वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करेगी।

उन्होंने फिलीपीन की राजदूत मारिया जेनीदा अंगरा कोलिन्सन को आईएईए के 61वें आम सम्मेलन की अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी और कहा, ‘‘मुझे आपको यह सूचित करने में प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि भारत ने इस साल अप्रैल में बांग्लादेश के साथ असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही दो और अनुपूरक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करने के काम में अपने रूसी और बांग्लादेशी साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं।’’ बसु परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव भी हैं और वह आईएईए के आम सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

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