नयी दिल्ली, दो अक्तूबर : भाषा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत ने किसी देश पर हमला नहीं किया है और ना ही वह किसी की जमीन हड़पना चाहता है बल्कि उसके जवानों ने राष्ट्र हित तथा दूसरों के लिए लड़ते हुए बलिदान दिया है।
मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय की जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को लेकर निरंतर आवाज उठा रहा है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय केन्द्र के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘भारत ने किसी पर हमला नहीं किया। वह ना ही जमीन के लिए भूखा है। बल्कि दो विश्व युद्धों में :जिसमें भारत का सीधे तौर पर कुछ दांव पर नहीं था: डेढ लाख भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।’’ मोदी ने कहा कि विदेश में मौजूद भारतीय समुदाय राजनीति में शामिल होने या विदेशी धरती पर सत्ता हथियाने में विश्वास नहीं रखता। बल्कि वे सामाजिक सदभाव के सिद्धांत का पालन करके अन्य समुदायों के साथ मिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारी कीमत चुकाने के बावजूद देश विश्व को अपने बलिदान के महत्व का एहसास नहीं करा सका। उन्होंने कहा कि जब वह विदेश में जहां भी जाते हैं, वह भारतीय सैनिकों के स्मारकों पर यात्रा जरूर करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समुदाय इस तरफ योगदान दे सकता है।
उन्होंने विदेश में बसे भारतीयों के बारे में कहा, ‘‘वे पानी की तरह हैं। वे जरूरत के अनुसार ढल जाते हैं।
मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय की जब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को लेकर निरंतर आवाज उठा रहा है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय केन्द्र के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘भारत ने किसी पर हमला नहीं किया। वह ना ही जमीन के लिए भूखा है। बल्कि दो विश्व युद्धों में :जिसमें भारत का सीधे तौर पर कुछ दांव पर नहीं था: डेढ लाख भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।’’ मोदी ने कहा कि विदेश में मौजूद भारतीय समुदाय राजनीति में शामिल होने या विदेशी धरती पर सत्ता हथियाने में विश्वास नहीं रखता। बल्कि वे सामाजिक सदभाव के सिद्धांत का पालन करके अन्य समुदायों के साथ मिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारी कीमत चुकाने के बावजूद देश विश्व को अपने बलिदान के महत्व का एहसास नहीं करा सका। उन्होंने कहा कि जब वह विदेश में जहां भी जाते हैं, वह भारतीय सैनिकों के स्मारकों पर यात्रा जरूर करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समुदाय इस तरफ योगदान दे सकता है।
उन्होंने विदेश में बसे भारतीयों के बारे में कहा, ‘‘वे पानी की तरह हैं। वे जरूरत के अनुसार ढल जाते हैं।
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