काठमांडो, दो अक्तूबर :भाषा: दक्षेस के अध्यक्ष नेपाल ने कहा है कि वह सदस्य देशों से बात करेगा और अगला सम्मेलन आयोजित कराने के लिए ‘जरूरी’ कदम उठाएगा। यह सम्मेलन बीते दिनों स्थगित कर दिया गया था क्योंकि भारत समेत पांच देशों ने इस बैठक की सफलता के लिए माहौल के अनुकूल न होने की बात कहते हुए अपने हाथ खींच लिए थे।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण माहत ने कहा कि नेपाल 19वें दक्षेस सम्मेलन के आयोजन के लिए सदस्य देशों को राजी करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा और इन देशों के साथ बातचीत करेगा।
19वां दक्षेस सम्मेलन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में नौ और दस नवंबर को आयोजित होना था। लेकिन शुक्रवार को भारत, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा अपने हाथ खींच लेने के बाद इस सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था। इन देशों ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान पर ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था, जो इस बैठक की सफलता के लिए सही नहीं है।
बाद में श्रीलंका ने भी इस सम्मेलन से हाथ खींच लिए।
पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से लगातार आतंकवाद फैलाए जाने की बात कहते हुए भारत ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में, भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शिरकत करने में असमर्थ है।’’ माहत ने कहा कि दक्षेस के सदस्य देशों को सभी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सम्मेलन के आयोजन के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
मंत्री ने 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटने के बाद कल कहा, ‘‘क्षेत्रीय सहयोग और विकास को आगे बढ़ाने के लिए दक्षेस एक महत्वपूर्ण मंच है।’’ उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के बीच सदभावनापूर्ण संबंधों से संगठन का सदुपयोग बढ़ेगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षेस के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण माहत ने कहा कि नेपाल 19वें दक्षेस सम्मेलन के आयोजन के लिए सदस्य देशों को राजी करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा और इन देशों के साथ बातचीत करेगा।
19वां दक्षेस सम्मेलन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में नौ और दस नवंबर को आयोजित होना था। लेकिन शुक्रवार को भारत, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान द्वारा अपने हाथ खींच लेने के बाद इस सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था। इन देशों ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान पर ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था, जो इस बैठक की सफलता के लिए सही नहीं है।
बाद में श्रीलंका ने भी इस सम्मेलन से हाथ खींच लिए।
पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से लगातार आतंकवाद फैलाए जाने की बात कहते हुए भारत ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में, भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शिरकत करने में असमर्थ है।’’ माहत ने कहा कि दक्षेस के सदस्य देशों को सभी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सम्मेलन के आयोजन के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
मंत्री ने 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटने के बाद कल कहा, ‘‘क्षेत्रीय सहयोग और विकास को आगे बढ़ाने के लिए दक्षेस एक महत्वपूर्ण मंच है।’’ उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के बीच सदभावनापूर्ण संबंधों से संगठन का सदुपयोग बढ़ेगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षेस के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
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