MITRA MANDAL GLOBAL NEWS

Friendship

मनुष्य एक सामजिक प्राणी है। मानव सभ्यता का विस्तार  वास्तव में मित्र -भाव का विस्तार है। मित्रता में मानवीय सम्बन्धों का चयन एवं नवसृजन होता है। मित्रता का प्रतिमान समन्वय एवं सहभागिता  आधारित मानवीय सभ्यता  के  उत्थान की प्रक्रिया है। मित्रता मात्र परिचित सम्बन्धों का ही संकुल नहीं है। मित्रता का प्रमुख स्रोत सहभागिता है।  यह सहभागिता  परिचित,अपरिचित ,राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकती है। व्यक्ति एवं व्यक्ति के बीच ,समाज एवं समाज के बीच राष्ट्र एवं राष्ट्र के बीच सम्बन्धों की सकारात्मक  प्रगाढ़ता मित्रता की विश्वसनीयता का ध्योतक है।सकारात्मक मित्रवत सम्बन्ध का विस्तार  सृष्टि   के साथ सम्बन्धों के विस्तार तक जुड़ा है। 

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