MITRA MANDAL GLOBAL NEWS

डर

    प्राचीन काल से लेकर आज तक बाल -साहित्य के क्षेत्र में परियों ,राक्षसों ,दैत्यों ,भूत-प्रेतों ,जिन्नो एवं पशु ,पक्षियों  के मानवीकरण के माध्यम से बाल -साहित्य का सृजन हो रहा है। बाल-साहित्य के क्षेत्र में  इन अवास्तविक प्रतीकों के माध्यम से गढ़ी गई रचनाऒ से  बच्चों के कोमल मन-मस्तिक पर भय के अंकुर फूटने लगते है।कई   पढ़े -लिखे महान कलाकार,,वैज्ञानिक ,समाजसेवी  आदि आजीवन  आकस्मिक-संकट -समाधान के लिए तथाकथित बाबाओं ,तांत्रिकों ,फलित- ज्योतिषाचार्यों  के चक्कर में पड़कर अपने समय एवं  धन की  बर्बादी करतें है  ,जिनका प्रमुख कारण इन बाल -साहित्यों  के कारण  मष्तिक में बैठी हुई डर  की गहरी जड़े हैं.           

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