MITRA MANDAL GLOBAL NEWS

Affair of leaders

यादों के झरोखे से
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३० अप्रैल २०१४ को कांग्रेस पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह घोषणा कर सबको चौका दिया कि उनका सम्बन्ध टी वी एंकर अमृता रॉव  से है।
          आज से २१ वर्ष पूर्व दिनांक ३० अप्रैल १९९३ में कॉलेज लेक्चरर लक्ष्मी शिव पार्वती के साथ एन  टी रामाराव (७२ वर्षीय ) के प्रसंगों के समाचार आये थे। कांग्रेस नेताओं  ने भी एन टी आर  और पार्वतीं  के बीच चल रहे प्रसंग के बारे में  निंदात्मक बयान  ज़ारी ज़ारी किये थे।
    पार्वती तेलगू साहित्य कि लेक्चरर ,एन टी  रामाराव से १९८५ में मिली थी। वह उनकी जीवनी लिखने का  प्रस्ताव लेकर उनके पास आयी थी।एन  टी आर की पत्नी का निधन १९८४ में हुआ था। उनकी मृत्यु के पहले ही एन टी आर ने अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति अपने पुत्रों और पुत्रियों में वितरित कर सन्यास ले लिया  था। १९८० के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री और राष्ट्रीय मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए उनका भगवा वस्त्र धारण करना पूरे देश में चर्चा  का विषय बना  हुआ था। शिव पार्वती के साथ अपने प्रसंग के कारण  १९८२ में एन टी आर ने अपना भगवा  प्रेम त्याग दिया। शिव पार्वती का वैवाहिक जीवन सुखी नहीं था। वह रामाराव के साथ वैवाहिक बन्धन के कुछ माह पूर्व ही अपने पति से तलाक ली थी। तेलगू देशम पार्टी और उनके दामाद चन्द्र बाबू नायडू ने कालांतर में इस सच्चाई से समझौता कर नव विवाहित जोड़े को बधाई दी थी। एन टी आर ने विरोधी नेताओं  के अपने गुप्त प्रसंगों को छिपाई रखने के आचरण के विपरीत विवाह को उजागर करने का साहस किया।
                   नेताओं द्वारा अपने  प्रेम प्रसंगों के छिपाव एवम उजागर से राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है , एक शोध का  रोचक विषय हो सकता  है। 

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