छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के गरीब आदिवासियों द्वारा ईब नदी की बालू को छानकर रत्ती भर सोना निकालने का कार्य किया जाता है ,जिसे कौड़ी के मोल व्यापारियों द्वारा खरीद लिया जाता है। तपकरा के समीपवर्ती गाँव घोडसाड़ ,पारसपाली ,वामनसार ,कंदई ,तुसौना ,जोरी ,बहार ,सोनगरा ,तुवा आदि के गरीब आदिवासियों को ईब नदी के किनारे बालू को दिन रात छानते हुए देखा जा सकता है।
इन गाँवों के आस -पास कुार्टज़ के बहुमूल्य पत्थर भी पाये जा रहे हैं। नक्सलियों द्वारा अपने आर्थिक स्रोत को पूरा करने के लिए उनकी नज़र अब इन सम्पदा पर लग गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य खनिज -निगम के द्वारा यदि स्थानीय आदिवासियों का सहकारी विपणन संस्था बनाकर उक्त माध्यम से इन खनिजों की विक्री नहीं की जायेगी ,तो इस क्षेत्र में नक्सलियों का घुसपैठ सरकार का सरदर्द बन जायेगा।
इन गाँवों के आस -पास कुार्टज़ के बहुमूल्य पत्थर भी पाये जा रहे हैं। नक्सलियों द्वारा अपने आर्थिक स्रोत को पूरा करने के लिए उनकी नज़र अब इन सम्पदा पर लग गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य खनिज -निगम के द्वारा यदि स्थानीय आदिवासियों का सहकारी विपणन संस्था बनाकर उक्त माध्यम से इन खनिजों की विक्री नहीं की जायेगी ,तो इस क्षेत्र में नक्सलियों का घुसपैठ सरकार का सरदर्द बन जायेगा।